Thursday, January 1, 2009

श्री गुरुवे नम:


आज 2009, नव वर्ष के अवसर पर गुरुजनों की प्रेरणा एवं कृपा से अपनी आध्यात्मिक यात्रा के पथ पर एक पग और बढ़ाने का प्रयास कर रहा हूँ.


"वेदान्त भारत" ब्लॉग में राजनैतिक टिप्पणियों से बहुत दूर, मानव जीवन के परम उद्देश्य की प्राप्ति हेतु जो भी ज्ञान प्राप्त होगा,........ दिशा निर्देशन प्राप्त होगा, उसी के अनुरूप अपने तथा अनेकों ऐसे जिज्ञासुओं के आध्यात्मिक अनुभवों का विवरण यहाँ बांटा जायेगा।



इस चिटठा (ब्लॉग) का आरम्भ सर्व प्रथम उन परम श्रद्धेय गुरुजनों की प्रार्थना से कर रहा हूँ जिनके ध्यान, मनन एवं चिंतन से ही उस अभीष्ट की प्राप्ति सम्भव हो पाएगी जो हमारे इस दुर्लभ मानव जीवन का परम उद्देश्य है.


उस प्राणमयी "माँ सर्वेश्वरी" को ध्यान करते हुए आज आप सभी को "श्री गुरु पादुका पंचकम" जैसी अद्भुत, गहन शक्तिमय एवं परमामृतमय भेंट समर्पित है, इसका नित्य भक्ति एवं पूर्ण समर्पण भाव से पाठ करने से नि:संदेह सदगुरु कृपा प्राप्त होती है जिससे हम अज्ञानियों को इस मानव जीवन को देखने की एक नवीन दृष्टि एवं ज्ञान की प्राप्ति होती है।


ॐ तत्सत



श्री गुरु पादुका पंचकम


ॐ नमो गुरुभ्यो गुरु पादुकाभ्यो


नम: परेभ्य: परपादुकाभ्य:


आचार्य सिद्धेश्वर पादुकाभ्यो


नमो नम: श्री गुरुपादुभ्य:


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एँकार ह्रींकार रहस्ययुक्त


श्रींकार गूढार्थ महाविभूत्या


ॐकार मर्म प्रतिपादिभ्याँ


नमो नम: श्री गुरु पादुकाभ्याम
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होमाग्नि होत्राग्नि हविष्य होतृ


होमादि सर्वाकृति भास्मानम


यद्ब्रह्म तत्व बोध वितारिणीभ्याम


नमो नम: श्री गुरु पादुकाभ्याम


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कामादि सर्प व्रज गारुडाभ्याम


विवेकवैराग्य निधि प्रदाभ्याम


बोध प्रदाभ्याँ द्रुत मोक्ष्यदाभ्याम


नमो नम: श्री गुरु पादुकाभ्याम
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अनंत संसार समुद्रतार नौकायिताभ्याम


स्थिर भक्तिदाभ्याम


जाड्यायाब्धि संशोषण वाडवाभ्याम


नमो नम: श्री गुरु पादुकाभ्याम



ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:

3 comments:

  1. A very good initiative. Pl do provide some good articles which can inspire us to be a good human being and understand the real purpose of human life.

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  2. Dear Sir
    Sansarik dristi to hame samaj deta hi hai to use pane ke liye kuch bahut kasht nahi karne padte hai ,par yah gurujano ke gyan ki dristi ka safar jo aapne shru kiya hai ,prabhu se main prarthna karta hoon ki logon ke liye upyogi sidhh ho awam yahan bhartiya vedic adhytmik parampara ki sahi samajh utapann ho.

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  3. sadgutu ki kripa se aap ka ye anmol prayas theek usi traha hain Hindustan ke liye, jaise registaan main pyse anjaan musafir ko paani ki ek sarovar mill jaye, ajj desh ko aise hi sant doot ki sainik ki jaroorat hain .
    sadguru kripa bani rahe desh aap ke mision main saath hain.

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